Tuesday, 9 May 2017

शरीयत :वर्तमान समस्या

अगर शरीयत में भारत माता की जय बोलना और वंदे मातरम् बोलना कुफ़्र है तो ख़लीफ़ा के अतिरिक्त किसी शासन व्यवस्था में भाग लेना भी कुफ़्र ही है ।

कुरआन में कहीं नही लिखा कि एक दिन लोकतंत्र आएगा और मुसलमानों को अपना मालिक वोट डालकर खलीफा के अतिरिक्त किसी और को चुनना पड़ेगा ।

यानि शरीयत में लोकतंत्र की तो कोई जगह ही नही ।

हे मोमिनो शरीयत में कहीं नही लिखा कि एक दिन मुसलामानों को भारत नामक देश में रहकर सब्सिडी लेकर हज़ यात्रा भी क़र्ज़ के भारतीय रुपयों से करनी पड़ेगी ।

शरीयत या कुरआन में कहीं नही लिखा की आप किसी लोकतांत्रिक देश में सब्सिडी का तेल, चीनी, दाना - पानी प्रयोग करके अपने जन्नत जाने के रास्ते में रुकावट डालोगे ।

अतः हे प्यारे मोमिनो आप कृपया या तो शरीयत और कुरआन की रौशनी में वही करो जो लिखा है, वही खाओ जो हलाल है या खुद को पूर्णतः भारतीय व्यवस्थानुसार ढालने का कष्ट करो।
देवबंदी - बरेलवियों आदि सभी से अपेक्षा है की मुस्लिमों के चुनाव लड़ने पर रोक के लिए, सब्सिडी लेने के खिलाफ तथा वोट डालने के खिलाफ या तो फ़तवा जारी करें अन्यथा शरीयत और कुरआन से ऊपर संविधान को मानें और तीन तलाक, हलाला, बुर्खा प्रथा, उर्दू - फ़ारसी की पढ़ाई, पर रोक लगाएं और सभी भारतीयों की तरह केवल लोकतंत्र में विश्वास करें।

है  दम और ईमान ये सब करने का ?

राष्ट्रवादी सभी भाईयों को
जय श्रीराम
जय हिंद
जय माँ भारती
वंदे मातरम 💐💐💐

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