Thursday, 22 December 2016

तैमुर की छाती में भाला ठोकनें वाले हरवीर गुलिया जी

मै धन्यवाद करता हूँ करीना कपूर को जिसने बेटे का नाम 'तैमुर' रखा।
कम से कम आज इस नाम के साथ भुला दिए गये हरयाणा के शूरवीर योद्धा श्रधेय हरवीर गुलिया तो देशवासियो के दिलो में जिन्दा हुए, जिन्होंने तैमूर लंग की छाती में भाला ठोक एक आतंक को खत्म किया था।
आज देर से सही पर शीस झुकाकर कोटि कोटि नमन है उस परम योद्धा को जिसने भारतीय आन बान और शान का मस्तक ऊँचा किया।
उपप्रधान सेनापति हरबीरसिंह जाट थे जिनका गोत्र गुलिया था। यह हरयाणा के जि० रोहतक गांव बादली के रहने वाले थे। उनकी आयु 22 वर्ष की थी और उनका वजन 56 धड़ी (7 मन) था। यह निडर एवं शक्तिशाली वीर योद्धा था।......
उप-प्रधानसेनापति हरबीरसिंह गुलिया ने अपने पंचायती सेना के 25,000 वीर योद्धा सैनिकों के साथ तैमूर के घुड़सवारों के बड़े दल पर भयंकर धावा बोल दिया जहां पर तीरों* तथा भालों से घमासान युद्ध हुआ। इसी घुड़सवार सेना में तैमूर भी था। हरबीरसिंह गुलिया ने आगे बढ़कर शेर की तरह दहाड़ कर तैमूर की छाती में भाला मारा जिससे वह घोड़े से नीचे गिरने ही वाला था कि उसके एक सरदार खिज़र ने उसे सम्भालकर घोड़े से अलग कर लिया। (तैमूर इसी भाले के घाव से ही अपने देश समरकन्द में पहुंचकर मर गया)। वीर योद्धा हरबीरसिंह गुलिया पर शत्रु के 60 भाले तथा तलवारें एकदम टूट पड़ीं जिनकी मार से यह योद्धा अचेत होकर भूमि पर गिर पड़ा।[1]

No comments:

Post a Comment

आप सभी जरूर पढें ...  आर्मी कोर्ट रूम में आज एक केस अनोखा अड़ा था! छाती तान अफसरों के आगे फौजी बलवान खड़ा था!! बिन हुक्म बलवान तूने ...