Tuesday, 17 July 2018






प्रिय राहुल गाँधी जी , 
सप्रेम नमस्कार ,
14 जुलाई 2018 दिन शनिवार को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बेबसाईट पर प्रकाशित एक लेख पढा जिसका शीर्षक था " The Fallacy of Education at Banaras Hindu University" इसमें कई गलत तथ्यों के साथ साथ कई तथ्यों की गलत व्याख्या भी की गई है जिससे हम छात्रों की भावनाएँ आहत हुई है आप पार्टी के अध्यक्ष है इसीलिए यह पत्र आपके नाम लिख रहा हूँ
लेख में लिखा गया है कि प्रो. गिरीशचंद्र त्रिपाठी जी विश्वविद्यालय के कुलपति हैं जबकि सत्य यह है कि प्रो. राकेश भटनागर जी कुलपति है , प्रो. त्रिपाठी जी पुर्व में कुलपति रहे हैं, यह भी लिखा है कि प्रो. त्रिपाठी को कई अवसरों पर ABVP के झंडे उछालते भी देखा गया है यह तथ्य भी पुरी तरह से फर्जी है
प्रों. त्रिपाठी के खिलाफ भ्रष्टाचार सहित कई मामलों में पहला प्रदर्शन ABVP ने ही किया था जिसमें कई दिनों की भुख हड़ताल भी शामिल था 

कैम्पस में स्त्री द्वेंष का भी आरोप लगाया गया है जो की पुरी तरह से निराधार है,
यहाँ पितृसत्ता का भी घिनौना आरोप लगाया गया है जबकि सत्यता इससे कोसो दूर है विश्वविद्यालय में मुख्य सुरक्षाधिकारी समेत कई प्रमुख पदों पर महिलाएँ आसीन है 
छात्राओं को भोजन उनकी पंसद के अनुसार ही दिया जाता है कोई भेदभाव नहीं होता है कोई ड्रेस कोड नहीं है , शाम 8 बजे तक छात्रावास में रिपोर्ट करनें वाला तथ्य सहित परिसर में छात्र छात्राओ को साथ घुमनें पर "हमारे देश के सांस्कृतिक और पारंपरिक मूल्यों को बदनाम करनेवाली " कहकर प्राक्टर को सौप देने वाले तथ्य भी गलत है

ऐसा मै इसलिए पुरे विश्वास के साथ कह सकता हूँ क्युकि मै भी अपनें छात्रा मित्रों के साथ रात में घुमता हूं एवं मुझे कभी किसी नें नहीं रोका , कई बार मै उन्हे छात्रावास छोड़ने रात 10 बजे भी गया हूँ 

लेख में यह भी  लिखा गया है कि "संघ" विश्वविद्यालय में घुसपैठ कर रहा है!
अध्यक्ष जी आपकी जानकारी के लिए बता दूं
कि संघ एक गैरराजनैतिक संगठन है 
इसकी पहली शाखा जो नागपुर के बाहर लगी थी वो कही और नहीं बल्कि श्री काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में ही लगी थी जिसकी मंजूरी  किसी और नें नही बल्कि विवि के संस्थापक युगदृष्टा , प्रातंस्मरणीय, परमपुज्य भारतरत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी नें दी था !

अत: विश्वविद्यालय एवं संघ पर आरोप लगाना ठीक वैसा ही है जैसे महामना के दूरदर्शीता पर संदेह कर आरोप लगाना
जिसे हम महामना के मानसपुत्र कतई बर्ताश्त नहीं कर सकते 
बीएचयु खुले एवं बहुवचन विश्वविद्यालय के रूप में आज भी जगप्रतिष्ठित है अगर किसी ने कुछ खोया है तो वो है कांग्रेस नें अपना जनाधार ।

इसे बढानें हेतु आप अच्छे सामाजिक कार्य कर राष्ट्रनीति करें गंदी राजनीति नहीं 
यह लेख पढ कर कही से भी ये नहीं लगा कि यह किसी काँग्रेसी नें लिखा होगा
ऐसा प्रतित हो रहा है कि यह किसी वामपंथ के कुठींत विचार से ग्रसित व्यक्ति नें लिखा है

आपको यह विचार करना होगा कि आखिर ऐसा क्यु है कि दो बार लगातार कांग्रेस के अध्यक्ष रहे महामना द्वारा प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में आप के विचार दम तोड़ रहे हैं 
अध्यक्ष जी आपसे निवेदन है कि अपनी राजनीति के लिए "राष्ट्रवाद की पाठशाला : बीएचयु" को उपकरण के रूप में इस्तेमाल करना बंद करें 




भवदीय ,
शुभम कुमार तिवारी 
विधि छात्र
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय

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