काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के इतिहास में जब जब इन कथित समाजवादी नेताओं द्वारा आंदोलन हुए हुए है ये तो हिंसा की बलि चले हैं या फिर हिंसा से ही शुरू हुए है
समाजवादी के नाम पर चल रहे इस अराजकवादी गतिविधि को कुछ लोग आंदोलन ठहरा रहे हैं
इसीलिए मैने भी इसे आंदोलन ही कहा है
लेकिन अगर इनके नजरिए से देखा जाए तो अगर ये आंदोलन है तो नक्सलवाद भी आंदोलन है एवं कश्मीरी पत्थरबाज आंदोलनकारी...
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के परिदृश्य में समाजवादी पार्टी का छात्र ईकाई "समाजवादी छात्र सभा " लंबे समय से ही अराजक लोगो द्वारा समर्थित रही है
अब गिरफ्तार हुए समाजवादी नेता आशुतोष सिंह का ही उदाहरण ले तो हम यह पाते हैं कि उन पर संगीन धाराओं में लगभग आठ मुकदमें चल रहे हैं रंगदारी, लूट, धमकी, मारपीट, सेवन सीएलए,युपी चिकित्सा सेवा कर्मी चिकित्सा परिचर्या सेवा संस्थान अधिनियम प्रमुख हैं एवं वर्ष 2017 में में हुए हर विवाद में वो प्रमुख चेहरों में रहे हैं एवं परिषर में जमकर अराजकता फैलाई है
चाहें वो 10 नवंबर के आईआईटी बीएचयु के राजपूताना ग्राउंड के बाहर मारपीट व लूटपाट हो या अब की घटना घर घटना के तार समाजवादी छात्र सभा से जुड़ रहे हैं
इस ताजा घटना के संदर्भ में जिन छात्रों के नाम पर प्राथमिकी दर्ज की गई है एवं आशुतोष का समर्थक होने का दावा किया जा रहा है उनका भी रिकार्ड विश्वविद्यालय में ठीक नहीं रहा है एक समाचार पत्र के अनुसार छात्रा के साथ हुई छेड़खानी के बाद 21-23 सितम्बर के गए बवाल में भी यही चेहरे शामिल थे ये वही लोग थे जो बीएचयु मेन गेट पर छेड़खानी के विरोध में धरना कर रहीं छात्राओं के साथ गाली गलौज भी किया था एवं धरना समाप्त करने को कहा था
जब छात्राओं पर इनकी बातों का कोई असर नहीं हुआ तो वे अभद्रता पर उतर आए और गाली गलौज किया था
एक तरफ ये गाली - गलौज कर रहे थे तो दूसरी तरफ इनके नेता श्री अखिलश यादव जी छात्राओं के समर्थन में लगातार बयान दे रहे थे अब ये तो नेता जी का "पाखंड" ही कहा जाएगा
अगर ये पाखंड नहीं है तो समाजवादी छात्र सभा को इससे किनारा कर लेना चाहिए था लेकिन अब तक ऐसा कोई बयान सामने नहीं आया है
छात्रों द्वारा कयास यह भी लगाया जा रहा है कि यह सब "नेताजी" जी की सह पर ही हुआ है चर्चा यह भी है इस मामले पर नेता जी क्या बयान देते हैं ये देखें लायक होगा
वैसे एक समाचार पत्र की मानें को यह पूर्व सपा सरकार के एक मंत्री जी के इशारे पर हुआ है
विश्वविद्यालय के प्रवक्ता नें कहा है कि अराजक तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा एवं उत्पात मचाने वालों को चिन्हित कर कारवाई की जाएगी
खैर अब तो समय ही बताएगा की ये बयान सत्य सिद्ध होगा या फिर खोखली बयानबाजी बन कर ही रह जाएगा
(ये मेरे निजी विचार हैं)
समाजवादी के नाम पर चल रहे इस अराजकवादी गतिविधि को कुछ लोग आंदोलन ठहरा रहे हैं
इसीलिए मैने भी इसे आंदोलन ही कहा है
लेकिन अगर इनके नजरिए से देखा जाए तो अगर ये आंदोलन है तो नक्सलवाद भी आंदोलन है एवं कश्मीरी पत्थरबाज आंदोलनकारी...
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के परिदृश्य में समाजवादी पार्टी का छात्र ईकाई "समाजवादी छात्र सभा " लंबे समय से ही अराजक लोगो द्वारा समर्थित रही है
अब गिरफ्तार हुए समाजवादी नेता आशुतोष सिंह का ही उदाहरण ले तो हम यह पाते हैं कि उन पर संगीन धाराओं में लगभग आठ मुकदमें चल रहे हैं रंगदारी, लूट, धमकी, मारपीट, सेवन सीएलए,युपी चिकित्सा सेवा कर्मी चिकित्सा परिचर्या सेवा संस्थान अधिनियम प्रमुख हैं एवं वर्ष 2017 में में हुए हर विवाद में वो प्रमुख चेहरों में रहे हैं एवं परिषर में जमकर अराजकता फैलाई है
चाहें वो 10 नवंबर के आईआईटी बीएचयु के राजपूताना ग्राउंड के बाहर मारपीट व लूटपाट हो या अब की घटना घर घटना के तार समाजवादी छात्र सभा से जुड़ रहे हैं
इस ताजा घटना के संदर्भ में जिन छात्रों के नाम पर प्राथमिकी दर्ज की गई है एवं आशुतोष का समर्थक होने का दावा किया जा रहा है उनका भी रिकार्ड विश्वविद्यालय में ठीक नहीं रहा है एक समाचार पत्र के अनुसार छात्रा के साथ हुई छेड़खानी के बाद 21-23 सितम्बर के गए बवाल में भी यही चेहरे शामिल थे ये वही लोग थे जो बीएचयु मेन गेट पर छेड़खानी के विरोध में धरना कर रहीं छात्राओं के साथ गाली गलौज भी किया था एवं धरना समाप्त करने को कहा था
जब छात्राओं पर इनकी बातों का कोई असर नहीं हुआ तो वे अभद्रता पर उतर आए और गाली गलौज किया था
एक तरफ ये गाली - गलौज कर रहे थे तो दूसरी तरफ इनके नेता श्री अखिलश यादव जी छात्राओं के समर्थन में लगातार बयान दे रहे थे अब ये तो नेता जी का "पाखंड" ही कहा जाएगा
अगर ये पाखंड नहीं है तो समाजवादी छात्र सभा को इससे किनारा कर लेना चाहिए था लेकिन अब तक ऐसा कोई बयान सामने नहीं आया है
छात्रों द्वारा कयास यह भी लगाया जा रहा है कि यह सब "नेताजी" जी की सह पर ही हुआ है चर्चा यह भी है इस मामले पर नेता जी क्या बयान देते हैं ये देखें लायक होगा
वैसे एक समाचार पत्र की मानें को यह पूर्व सपा सरकार के एक मंत्री जी के इशारे पर हुआ है
विश्वविद्यालय के प्रवक्ता नें कहा है कि अराजक तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा एवं उत्पात मचाने वालों को चिन्हित कर कारवाई की जाएगी
खैर अब तो समय ही बताएगा की ये बयान सत्य सिद्ध होगा या फिर खोखली बयानबाजी बन कर ही रह जाएगा
(ये मेरे निजी विचार हैं)

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